Amla eating Benifits for pregent women: ( तो इसलिए हमारी डाक्टर pregency में Amla खाने की सलाह देती है।
चूंकि अमला में विभिन्न पोषक तत्व , फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है। जो गर्भावस्थ में कब्ज, गैस जैसी problems को दूर करता है। आप अपनी इच्छानुसार कच्चा अमला या आमले का तरल रूप सेवन कर सकते है।
आवंला एक मौसमी फल है जो सर्दियों में होता है। आवंला आयुर्वेदिक औषधियों का आवश्यक घटक माना जाता है। आवले का सेवन गर्भवती महिलाओ के लिए अनगिनत फ़ायदे देता है जैसी कि रक्त को purifie, पाचन जैसी समस्यायों को दूर फेंकता है।
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Pregency एक ऐसा समय होता है जिसमे गर्भवती महिला का बहुत कुछ खाने का मन करता है। खासकर वो पहली तिमाही में खट्टे चीजे खाने का ज्यादा मन करता है। इन चीजों में अमला भी शामिल है।
भारतीय घरों में आमले का अचार, मुरब्बा, चटनी आदि बनाया जाता है जो खाने के taste को और बढ़ा देता है।
आवंला एक मौसमी फल है जो सर्दियों में होता है। आवंला आयुर्वेदिक औषधियों का आवश्यक घटक माना जाता है। आवले का सेवन गर्भवती महिलाओ के लिए अनगिनत फ़ायदे देता है जैसी कि रक्त को purifie, पाचन जैसी समस्यायों को दूर फेंकता है।
आंवले में मौजुद विटामिन बी आपके शिशुकी हड्डियों , नसों, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
Important points of this article:
. pregency में आवंले का सेवन करना कितना सुरक्षित है?
. आवंले में मौजूद पोषक तत्व।
. गर्भवस्था (pregency)में आवंला खाने के लाभकारी फायदे
कब्ज, गैस की समस्या।
रक्तचाप।
मॉर्निंग सिकनेस
रक्त प्यूरीफायर।
ब्लड की कमी।
मूत्रमार्ग में संक्रमण।
इम्यूनिटी बूस्टर।
. आपके शिशु के लिए फायदेमंद।
. आंवला खाने से दुष्प्रभाव।
. आपके शिशु के लिए फायदेमंद।
. संबंधित प्रश्नोत्तरी।
. pregency में आवंले का सेवन करना कितना सुरक्षित है?
Pregency में आंवला खाना बिल्कुल सुरक्षित है। इसे आप किसी भी तिमाही से सेवन कर सकती है। आपके साथ साथ आपके अन्य वाले नन्हें मेहमान के लिए भी बहुत लाभकारी है। आप जो भी खाते है आपके बच्चे पर असर पड़ता है इसलिए सही चीजों का सेवन बहुत महत्त्वपूर्ण हो जाता है। यह फल विटामिन बी 5, फोलिक एसिड और विटामिन बी 6 से भरपूर होता है। एक औसत मात्रा लेना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है ।
लेकिन ध्यान रखें कुछ स्वास्थ्य परिस्थियो में आंवले का सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है।
. आवंले में मौजूद पोषक तत्व:
आवंले में बहुत से पोषक तत्व मौजूद होते है। कैलिशियम और फोलिक एसिड के साथ साथ बहुत विटामिन जैसे, बी 5,6 ,सी आदि मौजूद होते है। जो आपके और आपके गर्भ में पल दे शिशु के लिऐ अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं।
आइए बात करते है आवंले में कौन कौन से पोषक तत्व मौजूद होते है:
प्रोटीन: 0.4mg
फैट: 0.5mg
कार्बोहाइड्रेट: 14 mg
विटामिन बी 1(थायमिन): 28mcg
विटामीन बी 3 (नियासिन): 0.4g
विटामीन C: 720 mg
कैल्शियम: 15 mg
आयरन: 1mg
फास्फोरस: 21mg
आंवला बहुत सी बीमारियों को दूर करता है। इसी वजह से इसे winter का superfood भी कहा जाता है।
.गर्भवस्था (pregency)में आवंला खाने के लाभकारी फायदे:
आंवले को 100 रोगों की दवा मानना गलत नही है क्योंकि यह देखने में जितना छोटा है उतना ही चमत्कार दिखाता है। यही वजह है कि आवंले की तुलना आयुर्वेद में अमृत से की गई है। यह न केवल हमारी बॉडी की इम्यूनिटी बूस्ट करता है बल्कि बल्कि कई बीमारियों को दूर करता है।
आइए विस्तार से चर्चा करते है _
कब्ज, गैस की समस्या: चूंकि pregency एक ऐसा समय होता है जिसमे हर women अपनी पूरी journey में काफी दिक्कत का सामना करती है जिसमे गैस और कब्ज की समस्या तो आम दिक्कत है।
आवंले में विटामिन सी मौजूद होता है , जो हमारी एसिडिटी जैसी समस्या को खत्म कर देता है। रोज कच्चा आवंला का सेवन करने से शरीर के टॉक्सिक बाहर निकल आते है।
रक्तचाप: आंवला विभिन्न एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है। तनाव के दौरान मानव शरीर द्वारा उत्पादित मुक्त कणों को साफ करने के लिए यह एक ज्ञात एंटीऑक्सीडेंट संपत्ति है। एंटीऑक्सिडेंट के साथ, आंवला में पोटेशियम की उल्लेखनीय मात्रा होती है। इसलिए, पोटेशियम की रक्तचाप को नियंत्रित करने की क्षमता के कारण, रक्तचाप की समस्या से पीड़ित रोगियों के आहार में इसका नियमित रूप से उपयोग किया जाता रहा है। पोटेशियम द्वारा उच्च रक्तचाप के प्रबंधन में शामिल प्रमुख तंत्र रक्त वाहिकाओं को फैलाना है, जो रक्तचाप की संभावना को और कम करता है। ऐसे में आंवले का जूस पीना कारगर हो सकता है।
मॉर्निंग सिकनेस: pregency में morning sickness होती है।आंवले में ऊर्जादायक गुण होते हैं। ये कोशिकाओं को पुर्नजीवित करता है जिससे थकान दूर होती है। आंवले का जूस पीने या आंवला खाने से प्रेग्नेंसी में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस कम होती है।
रक्त प्यूरीफायर:
आवंले में विटामीन C पाया जाता है जो हमारी शरीर में toxic को बाहर निकालता है और रक्त को purifie करता है।आंवला के विषहरण
गुण रक्त के शुद्धिकरण में सहायता करते हैं और विकासशील भ्रूण को रक्त और ऑक्सीजन की नियमित आपूर्ति प्रदान करते हैं। यह एक गर्भवती महिला के पेशाब की आवृत्ति को बढ़ाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों और रेडिकल्स को बाहर निकालता है। गर्भवती महिला के लिए रक्त का शुद्धिकरण आवश्यक है क्योंकि रक्त बच्चे को ऑक्सीजन पहुंचाता है।
ब्लड की कमी: चूंकि आंवले में फोलिक एसिड और calcium, फाइबर,potassium की मात्रा पाए जाती है। जो हमारे शरीर में ब्लड की कमी के पूरा करते है। एनीमिया जैसी बीमारी से बचाता है। आंवले का सेवन हमारी शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
मूत्रमार्ग में संक्रमण: ज्यादा नमी और बैक्ट्रिया के कारण अक्सर गर्भवती महिलाओ को संक्रमण हो जाता है। बार बार पेशाब जाना वा मूत्रमार्ग में खुजली , जलन जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। आंवले का सेवन रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। और संक्रमण जैसी समस्या को दूर करता है।
इम्यूनिटी बूस्टर: आवंला में बहुत से गुण होते है । यह हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है । आंवले को इम्यूनिटी booster भी कहते है। कई अध्ययनों से पता चला है कि आवंला अपने जीवाणुरोधी गुण और एंटी एमफ्लिअंत गुण के माध्यम से सफेद कनिकाए को बढ़ाने में मदद करता है जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जबकि लाल रक्त की कनिकाये बाहरी विषाक्त पर हमला करते है।
.आपके शिशु के लिए फायदेमंद:
आंवले में मौजूद विटामीन बी 5,6 शिशु के विकास में सहायक होता है। मौजूद कैल्शियम की मात्रा शिशु की हड्डियों को मज़बूत बनाता है। शिशु में बालो की growth और नेल्स के उगने में मदद करता है।
. आंवला खाने से दुष्प्रभाव:
किसी भी चीज की सही मात्रा लेना आवश्यक है। एक औसत मात्रा का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। चूंकि आंवले में विटामिन सी अत्यधिक मात्रा में मौजुद होता है, इसका सेवन करने से शरीर में सोडियम का स्तर बढ़ जाता है, जिससे किडनी अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती। जिसकी वजह से शरीर में पानी भरना शुरू हो जाता है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या पैदा होने लगती है। आंवले में मौजूद विटामिन-सी का अधिक सेवन करने पर यूरिन में जलन महसूस हो सकती है।
. संबंधित प्रश्नोत्तरी।
प्रश्न: आवंला का सेवन कब नही करना चाहिए?
उत्तर: ज्यादा hyperacidity वाले लोगो और कम ब्लड शुगर वाले लोगो को आंवले का सेवन नही करना चहिए।
प्रश्न: आवंले का सेवन कब करना चाहिए?
उत्तर:यदि खाली पेट आंवले का सेवन किया जाए तो इससे इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाया जा सकता है। आंवले के अंदर विटामिन सी पाया जाता है जो केवल शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकाल सकता है
प्रश्न: क्या गर्भवस्था में आवंला खाना सेफ है?
उत्तर: जी हां, गर्भवस्था में आवंले का सेवन बिल्कुल सुरक्षित है। यह आपके स्वास्थ्य तथा आपके शिशु के विकास में सहायक है।
प्रश्न: आवंले का सेवन कौन सी बीमारी में किया जाता है?
उत्तर : आवंले का सेवन रक्तचापको नियंत्रित करने में और डायबिटीज की बीमारी के लिऐ किया जाता है। यह हमारी इम्यूनिटी क्षमता को बढ़ाता है।
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