Vastu tips : Pregent महिलाओं को वास्तु की अधूरी जानकारी पैदा कर सकती समस्या, जानिए 7 वास्तु टिप्स
हर माता पिता चाहते है कि उनकी आने वाली पीढ़ी संस्कारी, गुणवान और भाग्यवान हो। हमारे वेदों मे कहा गया है कि होने वाली संतान के 80% डेवलपमेंट मां के गर्भ में ही होता है। इसका सबूत हम सबके सामने है महाभारत में अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु।
ऐसा कह जाता है कि अभिमन्यु अपनी मां के गर्भ में चक्रवूह को भेदने की विद्या को सीखा था।
बहुत सारे गर्भसंस्कार मंत्र, यज्ञ, मंत्रो का उच्चारण वेदों में गर्भवती महिलाओं के लिए बताए गए है। लेकिन हम सब अधुनिकवाद की दुनिया में वेदों और पुराणों की बातो को दरकिनार कर दिए है। आप जो कुछ भी अच्छा बुरा करती है उसका सीधा प्रभाव आपके बच्चे पर पड़ता है।
Mystrikeway के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे है कि कैसे वास्तु के अनुसार आप अपने इस अनमोल समय को सुखमय और खुशनुमा बना सकती है।
आइए जानते है........
विषयसूची
. वास्तु के अनुसार क्या फॉलो करे,
. ज्योतिष के अनुसार क्या न फॉलो करे।
. संबंधित प्रश्न उत्तर।
वास्तु के अनुसार क्या फॉलो करे.
हमारे ज्योतिष, मुनियों ने वेदों और पुराणों में गर्भवती महिलाओ के लिए कुछ नियम बनाए है। जिन्हे आप फॉलो कर सकती है..
1. मोर का पंख: सनातन धर्म में मोर एक पूजनीय पक्षी है। ज्योतिष के अनुसार गर्भवती महिलाओ को अपने बिस्तर के नीचे मोर का आंख वाला पंख जरूर रखनी चाहिए। ऐसा करने से आपके तथा बच्चे के ऊपर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
2. पीले चावल से छिड़काव: गर्भवती महिलाओ को अपने घर में पीले चावल का छिड़काव जरूर करना चाहिए। पीला चावल मंगल का सूचक माना जाता है जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
3. कपड़ो का चुनाव: वास्तु के अनुसार गर्भवती महिलाओ को पहनने वाले कपड़ो का चुनाव अच्छी तरह से करना चाहिए। सफेद तथा हल्के रंग के कपड़े पहने। ऐसा इसलिए इससे आपके तथा आपके होने वाले बच्चे पर सकारात्मक ऊर्जा पड़ती है।
4. नीले रंग का इस्तेमाल: वास्तु के अनुसार नीला रंग सबसे अच्छा माना गया है । इसके लिए आपको नीला रंग प्रयोग में लाना चाहिए।
5. बालकृष्ण की तस्वीर: बालकृष्ण की तस्वीर अपने कमरे में लगा कर रखे। आपके बच्चे पर प्रभाव डालता है।अपने कमरे में अच्छी शिशु की तस्वीर लगाए ऐसा करने से आपके आसपास पॉजिटिविटी रहेगी और आप अच्छा महसूस करेगी।
6. दक्षिण पश्चिम की तरफ सोए: वास्तु के अनुसार गर्भवती महिलाओ को दक्षिण पश्चिम की तरफ सोना सबसे अच्छा माना जाता है। आप उत्तर पश्चिम की तरफ भी सो सकती हैं। लेकिन 9 महीने तक दक्षिण पश्चिम में ही सोए। ऐसा इसलिए नकारात्मक शक्तियां दूर भागती है।
7. ग्रंथों, मंत्रो, वैदिक धर्म का पालन करें: अपनी संतान को अच्छी संस्कार के लिए वास्तु के अनुसार गर्भवती महिलाओ को रोज पूजा,ध्यान और मंत्रो का उच्चारण आदि करना चाहिए। एक मां की गर्भवस्था की देन ही उसकी संतान के गुण और संस्कार है।
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ज्योतिष के अनुसार क्या न फॉलो करे:
. नदी नाले न पार करे: वास्तु के अनुसार गर्भवती महिलाओ को नदी नही पार करनी चाहिए। इस इसलिए क्योंकि नदियों और तटों पर बुरी शक्तियां निवास करती है जो आपके तथा आपके बच्चे की तरफ बहुत आकर्षित होती है।
. हिंसक तस्वीर न रखे: वास्तु के अनुसार गर्भवती महिलाओ को हिंसक तस्वीर को देखने से बचे। एक्सीडेंट दृश्य, मारपीट, खूंन खराबा आदि जैसे दृश्यों को n देखे।
. टूटी फूटी चीजे घर में न रखे: गर्भवती महिलाओ को घर में टूटी फूटी चीजों को घर में न रखे। तुरंत घर से बाहर कर दे। इससे बच्चे पर बुरा असर पड़ता है।
. गहरे रंग का इस्तेमाल से बचे: घर में पेंट के समय गहरे रंग का इस्तेमाल न करे। सफेद और क्रीम कलर जैसा रंगो का इस्तेमाल करें। आपको खुशनुमा माहौल और पॉजिटिव माहौल क्रिएट करेगा।
संबंधित प्रश्न उत्तर।
प्रश्न : गर्भवती महिलाओ को किस दिशा में सोना चाहिए?
उत्तर: वास्तु के अनुसार गर्भवती महिलाओं को सबसे अच्छा दक्षिण पश्चिम में होना माना गया है। इसलिए दक्षिण पश्चिम में सोना चाहिए।
प्रश्न : गर्भवस्था में किस मंत्र का उच्चारण करना सबसे अच्छा माना गया है?
उत्तर: गर्भावस्था में गायत्री मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।इस मंत्र का 108 बार जाप करे। रामरक्षासोत्र के भी उच्चारण एक अच्छा परिणाम देता है।
प्रश्न: गर्भवस्था में बच्चे के विकास के लिए क्या करे?
उत्तर: संस्कारी,गुणवान बच्चे के किए मंत्रो का जाप, पूजा, ध्यान आदि गर्भवती महिलाएं करे क्योंकी इसका सीधा प्रभाव आपके बच्चे पर पड़ता है।
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