8 months pregnant women: जरा सी असावधानी ,pregent महिला को खड़ी कर सकती है गंभीर समस्या जानिए बरती जानी वाली सावधानियां
गर्भावस्था का 8 महीना यानी बस कुछ ही दिन बाकी है आपके घर में नन्हे मेहमान आने के। कुछ दिन ही बाद आपकी गोद में प्यारा सा नन्हा मेहमान होगा।
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वैसे तो गर्भवती महिलाओ के लिए गर्भवस्था के 9 महीने बहुत ही महत्वपूर्ण होते है। आप अपनी इस journey की 7 महीने को बिता चुकी है। इस stage में आप मां बनने की स्तर में होती है या बस बनने ही वाली होती है। ऐसा अध्ययन में आया है कि 20 में 1 महिला अपनी नियत तिथि पर जन्म देती है। गर्भवस्था के इस स्तर में आपके महीना पूरा होते ही 37 सप्ताह ( weeks) पूरे हो जाते है। इस महीने में प्रीमेच्योर जन्म लेने वाले शिशु को 7 month में जन्म लेने की अपेक्षा कम केयर करनी पड़ती है। लेकिन फिर भी इस स्टेज में जन्म लेने वाले शिशु को आईसीयू और वेल्टीलेटर में रखा जाता है ।
Mystrikeway के इस लेख के माध्यम से जानते है कि कौन कौन सी सावधानियां, लक्षण
विषयसुची
1.लक्षण
. गर्मी महसूस करना।
. स्तनों से रिसाव।
.सांस फूलना।
.पेशाब का लीकेज होना।
2. होने वाली बीमारियां।
3. बरती जाने वली सावधानियां।
4. शिशु का विकास।
5. संबंधित प्रश्न उत्तर।
.लक्षण:
गर्भवती होना गर्भवती महिलाओ के लिए एक सौभाग्य होता है। हमारे वेद, और शास्त्र में गर्भवती महिलाओं का सबसे ऊपर दर्जा दिया गया है। 9 महीने की इस समय में गर्भवती महिलाओ को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के 8 month में जरा सी असावधानी आपकी शिशु और आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है।
इस लेख के माध्यम से जानते है कि कौन कौन से लक्षण है जो pregency के 8 month में दिखाई देते है।
. गर्मी महसूस करना: क्योंकि हमारे शरीर का टेंपरेचर पहले से हाई रहता है इसलिए इस महीने में आपको जल्दी जल्दी प्यास लगती है। आपको गर्मी महसूस होगी। इसलिए हो सके तो इस टाइम आप हल्के ढीले ढाले वस्त्र पहने जो आपके लिए आरामदेह हो।
.स्तनों से रिसाव: गर्भावस्था के इस महीने में हमारे स्तनों का आकार पहले की अपेक्षा पूर्ण रुप से स्तनपान कराने के तैयार हो जाता है। हमारा शरीर पहले से कोलेस्ट्रॉम तैयार कर लेता है, जिससे हमारे स्तनों से कभी कभी पीले रंग का रिसाव होने लगता है।
.सांस फूलना:
चूंकि हमारे पेट का आकार बाद जाता है और पेल्विक क्षेत्र में खिंचाव रहता है। हमारे पेट में जगह नहीं बचती है। जिस कारण से सांस फूलने की समस्या रहती है। कभी कभी पीठ और पेट में दर्द होता है। जो नॉर्मल है। लेकिन ज्यादा pain होने पर अपनी डॉक्टर से संपर्क करे।
.पेशाब का लीकेज होना:
बार बार पेशाब का लगना या कभी कभी पेशाब लीकेज भी हो जाती है। गर्भावस्था के 8 महीने में यह समस्या बहुत बड़ी होती है।
2. होने वाली बीमारियां।
गर्भावस्था में ध्यान न देने पर बीमारी भी हो सकती है जैसे
प्री क्लेपिसिया:
हाई bp की समस्या इस महीने में बहुत होती है इसलिए जरूरी है कि bp चेकपअप समय समय पर कराएं।high BP और पेशाब में preline आने की शिकायत हो जाती है। जेस्टेटेंशनल और हाइपरटेंशन stress की समस्या के कारण उत्पन्न हो जाता है।। इस बीमारी में पेशाब में प्रोटीन आने लगता है। जिसके कारण आपको तुरंत डिलीवरी करानी पड़ सकती है।
प्रीटर्म बर्थ:
इस बीमारी में आपका बच्चा सेफेलिक पोजीशन में होता है। जिससे preterm लेबर का खतरा बन रहता है। आपको labour pain शुरू हो सकता है।
3. बरती जाने वली सावधानियां: अगर आप गर्भवती है तो आपको इस महीने में आपको खास अपना ध्यान रखने की जरूरत है। अगर आप working है तो आप काम से अपनी छुट्टी ले लें। क्योकि जरा सी असावधानी आपकी जिंदगी खतरे में डाल सकती है। आइए जानते है क्या सावधानियां बरतें जानी चाहिए:
.Junk फूड और processed फूड न खाए। क्योंकि इससे आपके सीने में जलन हो सकती है।
.ज्यादा देर तक खड़ा न रहे।
.पर्याप्त नींद ले।8 घण्टे की नींद ले तथा दिन में 2 घंटे का आराम ले।
. vitamins,minrals और फाइबर सप्लीमेंट्स लेती रहें।
. हरे पत्तेदार सब्जियां,जूस, दाल, अंडा, दूध का सेवन करे ।
. तनाव से दूरी बनाए।
. पीठ के बल न लेटे।
. थोड़ा थोड़ा खाएं लेकिन बार बार खाएं।
. डॉक्टर के परामर्श के अनुसार योगा और एक्सरसाइज करे।
4. शिशु का विकास: इस महीने में आपका शिशु पूरी तरह से विकसित है। वह कभी भी बाहर की दुनिया में आ सकता है। और आपकी गोद में आ सकता है। इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन एंड नेशनल रिसर्च काउंसिल के अनुसार बॉडी मास इंडेक्स 18.5से कम यानी undereweight , BMI है तो weight gain 13 से 18 kg होना चाहिए। अगर बीएमआई 18.5 से29.9 के बीच है तो वजन 11 से 16 kg होना चाहिए।
आपके शिशु का आदर्श वजन 1500 से 2 kg के बीच होना चाहिए।
इस अवस्था में आपके शिशु के विभिन्न अंग विकसित हो जाते है जैसे
. शिशु के बाल हो जाते है।
. आंखो को खोल वा बंद कर सकता है।
. अगर गर्भ में लड़का है तो उसके जननांग उत्पन्न हो जाते है।
. अगर गर्भ में लड़की है तो उसके योनि का विकास हो जाता है।
. नाखून उग आते है।
. बच्चा बाहर की प्रतिक्रियाएं सुन सकता है और react भी कर सकता है।
. बच्चे के सोने और जागने का समय निर्धारित हो जाता है।
. संबंधित प्रश्न उत्तर:
प्रश्न: बच्चा कब खिसकता है?
उत्तर: 34 वें से 36 वें सप्ताह के बीच कभी भी लेबर पेन शुरू हो सकता है। 34 वें सप्ताह से बच्चा खिसकना शुरू हो जाता है। किसी किसी का डिलीवरी के समय ही खिसकता है।
प्रश्न: बच्चेदानी का मुंह खुलने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: 9 वें महीने में दूध में घी डालकर पीने से बच्चादानी का मुंह जल्दी खुलता है। एक गिलास दूध में 3 से 4 खजूर डालकर पीने से बच्चेदानी का मुंह जल्दी खुलता है।
प्रश्न: गर्भ में लड़का होने पर क्या खाने का मन करता है?
उत्तर: ऐसा माना जाता है कि अगर गर्भ मे लड़का है तो खट्टा और तीखा खाने का मन करता है। लड़की होने पर मीठी क्रेविंग होती है। परंतु ऐसा नही है यह sab मिथ है।
प्रश्न: 8 महीने में बच्चे का सिर कितना होता है?
उत्तर:
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